क्या है आभामंडल ,औरा ,प्रभामंडल ,प्राणशक्ति या विद्युत शक्ति
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औरा का लेटीन भाषा मे अर्थ बनता है "सदैव बहने वाली हवा"। औरा इसी अर्थ के मुताबिक यह सदैव गतिशील भी होती है। विभिन्न देशो मे इसे विभिन्न नामो से जाना जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रचलित नाम औरा, प्रभामंडल, या ऊर्जामंडल है।
प्राणियों का शरीर दो प्रकार का होता है - 1. स्थूल शरीर 2. शूक्ष्म शरीर
स्थूल शरीर जन्म के बाद जो शरीर सामने दिखाई देता है, वह स्थूल शरीर होता है, इसी स्थूल शरीर का नाम दिया जाता है, इसी के द्वारा संसारी कार्य किये जाते है, इसी शरीर को संसारी दुखों से गुजरना पडता है और जो भी दुख होते हैं | भौतिक शरीर के अतिरिक्त प्रकाषमय और ऊर्जावान एक शरीर और होता है जिसे सूक्ष्म शरीर अथवा आभामण्डल { औरा }कहते हैं। हमारे शरीर के चारों तरफ जो ऊर्जा का क्षेत्र है वही सूक्ष्म शरीर है। सूक्ष्म शरीर ने हमारे स्थूल शरीर को घेर रहा है। इसे जीवनी शक्ति या प्राण शक्ति भी कहते हैं इसका कार्य सारे शरीर में एवं सूक्ष्म नाडियों में वायु प्रवाह को नियंत्रित करना तथा सूक्ष्म ऊर्जा प्रदान कर शरीर को क्रि्रयाशील रखना है प्राण के निकल जाने पर शरीर मृत हो जाता है एवं प्राण के कमजोर होने पर शरीर कमजोर होता जाता है तथा बीमारियों से लडने की शक्ति समाप्त होने लगती है।
अपने इष्ट देव की मूर्ति या पोस्टर सभी मनुष्य अपने घर या कार्यस्थल पर अवश्य रखते हैं। इन मूर्ति या पोस्टर में जो भी देव हैं उनके मस्तिष्क के बराबर पीछे की ओर सप्तरंगीय ऊर्जा तरंगे निष्कासित होती रहती है व एक गोलीय चक्र सा प्रतिबिंब रहता है वही उनका आभामण्डल या औरा चक्र होता है। यह आभामण्डल जीव मात्र- मनुष्य, जीव-जंतु, पशुओ, पेड़-पौधे, पदार्थों के इर्द-गिर्द एक प्रकाश पुंज रहता है। प्रत्येक मनुष्य का अपना एक आभामण्डल या औरा होता है। जिसके कारण से ही दूसरे अन्य मनुष्य उससे प्रभावित होते हैं। यह आभा मनुष्य के संपूर्ण शरीर से सतरंगी किरणों के रूप में अंडाकार रूप में उत्सर्जित होती रहती है।
हमारे शास्त्रों में वर्णित जो तथ्य हैं जैसे तुलसी की पूजा, पीपल की पूजा, ब़ड का महत्व, सफेद आक़डे का महत्व, गाय को पूजनीय बताना, आखे, नमक का महत्व आदि कई बातें सहज किवदन्तियां या कथानक की बातें नहीं हैं, ये सब वैज्ञानिक सत्य पर आधारित हैं। इन सबकी ऑरा एनर्जी +ve ऊर्जा इतनी अधिक है कि ये सभी हमें सुरक्षा प्रदान करते हैं। शारीरिक और मानसिक तौर पर हमें स्वस्थ रख सकते हैं। इनके सान्निध्य में आभा मण्डल का विकास होता है। वृक्षों में शास्त्रोक्त जिनका महत्व दर्शाया गया है जैसे ब़ड इसकी ऑरा एनर्जी 10.1 मीटर है, कदम्ब पे़ड की 8.4 मीटर है, तुलसी की 6.11 मीटर, नीम की 5.5 मी., आंवला की 4.3 मी., आम की 3.5 मी. पीपल की 3.5 मी., फूलों में ओलिएन्डर 7.2 मी., कमल 6.8 मी., गुलाब 5.7 मी., मेरीगोल्ड 4.7 मी., लिलि 4.1 मी. एवं आश्चर्यजनक तौर पर सफेद आक़डे के फूल (जो शिव भगवान को चढ़ाए जाते हैं) की ऑरा 15 मी., गाय के घी की 14 मी., गोबर की 6 मी., पंचकर्म की 8.9 मी., गाय के दूध की 13 मी., गाय दही की 6.9 मी., गाय की पूजनीयता स्पष्ट है। इसी तरह पूजन सामग्री में नारियल का महत्व इसकी ऑरा एनर्जी 10.5 मी. होने से है। अक्षत चावल 4.9 मी., कपूर 4.8 मी., क्रिस्टल नमक 4.8 मी., सफेद कोला 8.6 मी., कुमकुम 8 मी., अगरबत्ती सुगंध के अनुसार 5-15 मी.। जिनका महत्व हमारे दैनिक जीवन में है उन सबका ऑरा एनर्जी अधिक होने की वजह से उन्हें धर्मशास्त्रों में उल्लेखित किया है।
आभा मंडल { औरा } का बीमारियो से सम्बन्ध -
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वास्तव मे यह प्राणी के शरीर से निकलने वाली प्रज्वलित शक्ति किरणे है जिसकी ऊर्जा हर व्यक्ति में रहती है। इस प्रभामंडल का संचालन हमारे शरीर के 7 चक्र करते है, और ये चक्र हमारी मानसिक शारीरिक, भावनात्मक इत्यादि कई कडियो से जुडकर औरा के रूप मे हमारे वर्तमान वक्त के दर्पण को तैयार करते है। जिसे देखकर और उसमे जरूरत के अनुसार बदलाव लाकर हम आने वाली, या तत्कालिक समस्याओ से निजात पा सकते हैं।
इसको संचालित करने वाले चक्र हैं-
1. मूलादार चक्र- इसका रंग लाल है और इसका सम्बन्ध हमारी शारीरिक अवस्था से होता है, इस चक्र के ऊर्जा तत्व मे असंतुलन , रीढ की हड्डी मे दर्द होना, रक्त और कोशिकाओ पर तथा शारीरिक प्रक्रियाओ पर गहरा असर डालता है।
2.स्वधिष्ठान चक्र- इसला रंग नारंगी है और इसका सीधा संबन्ध प्रजनन अंगो से है, इस चक्र के ऊर्जा असंतुलन के कारण इंसान के आचरण, व्यवहार पर असर पडता है।
3.मणिपुर चक्र- इसका रंग पीला है और यह बुद्धि और शक्ति का निर्धारण करता है, इस चक्र मे असंतुलन के कारण व्यक्ति अवसाद मे चला जाता है, दिमागी स्थिरता नही रह जाती।
4. अनाहत चक्र- इसका रंग हरा है और इसका संबन्ध हमारी प्रभामंडल की शक्तिशाली नलिकाओ से है, इसके असंतुलित होने के कारण, इसान का भाग्य साथ नही देता, पैसो की कमी रहती है, दमा, यक्ष्मा और फेफडे से समबन्धित बिमारीयों से सामना करना पड सकता है।
5. विशुद्ध चक्र -इसका रंग हल्का नीला है और इसका सम्बन्ध गले से और वाणी से होता है, इसमे असंतुलन के कारण वाणी मे ओज नही रह पाता, आवाज ठीक नही होती,टांसिल जैसी बीमारियो से सामना करना पडता है।
6. आज्ञा चक्र- गहरा नीले रंग का ये चक्र दोनो भौ के बीच मे तिलक लगाने की जगह स्थित है, इसका अपना सीधा सम्बन्ध दिमाग से है, इस चक्र को सात्विक ऊर्जा का पट भी मानते है, मेरा ये मानना है कि अगर परेशानियाँ बहुत ज्यादा हो तो सीधे आज्ञा चक्र पर ऊर्जा देने से सभी चक्रो को संतुलन मे लाया जा सकता है।
7. सहस्रार चक्र- सफेद रंग से सौ दलो मे सजा ये चक्र सभी चक्रो का राजा है, कुडलनी शक्ति जागरण मे इस चक्र की अहम भूमिका है, आम जिन्दगी मे यह चक्र कभी भी किसी मे सम्पूर्ण संतुलन मे मैने नही देखा है, वैसे ये पढने मे आया है कि, जिस व्यक्ति मे यह चक्र संतुलित हो वो सम्पूर्ण शक्तियों का मालिक होता है।
प्रभामंडल को ऊर्जामान करके उपस्थित सभी विकारो को दूर किया जा सकता है। इन्सान की व्यक्तिगत अच्छाइयों, कर्मो से आभा मण्डल विकसित होता है। सद्पुरूषों, महापुरुषों , विशेषज्ञों के आभा मण्डल 30 से 50 मीटर तक पाये गये हैं।
आभा मंडल की कमी के कारण-
हमारे जीवन में भौतिक सुख-सुविधा के साधनों में- मोबाईल, इलेक्ट्रिक एवं इलेक्ट्रोनिक्स साधन है ये एक मैग्नेटिक ऊर्जा का निर्माण कर विकिरण पैदा करते हैं। मोबाईल, फ्रीज, एसी, टी.वी., कंप्यूटर आदि अन्य सभी से नेगेटिव ऊर्जा निकलती है जो हमें नुकसान पहुंचाती रहती है। यह सत्य है कि आभामण्डल, स्प्रिट एनर्जी आध्यात्मिक ऊर्जा व नकारात्मक ऊर्जा से यह तीसरी मैग्नेटिक ऊर्जा का प्रभाव मन्द गति होने की वजह से हमें प्रतीत नहीं होता है। धीरे-धीरे इस ऊर्जा का प्रभाव हमारे
शरीर व मन-मस्तिष्क पर होता रहता है।इनके अलावा भी घर, आॅंफिस, दुकान, फैक्ट्री में भी नकारात्मक ऊर्जा का एक कारण वास्तु दोष भी है। यदि भवन, आॅंफिस, व्यवसाय स्थल वास्तु के नियमों में नहीं है तो उससे भी नेगेटिव ऊर्जाओं का प्रभाव बना रहता है।काम, क्रोध, मोह, लोभ, मद, अहंकार छः मनुष्य के शत्रु हैं। व्यक्ति द्वारा इन छः कर्मों में संलग्न होने से आभामण्डल क्षीण या कम होता जाता है। हम निरंतर एक दूसरे को भला बुरा कहते रहते है। एक दूसरे को डाँटते-फटकारते रहते है। निरंतर अपने नकारात्मक भाव व विचार क्रोध-आक्रोश भय चिंता,विवशता आदि-आदि दूसरों को संप्रेषित करते रहते है। आभामण्डल की ऊर्जा तरंगं टूट जाती है तथा आभामण्डल के कमजोर होते ही व्यक्ति में सोचने-समझने की शक्ति भी क्षीण हो जाती है। एक साधारण इंसान का औरा या आभामण्डल 2 से 3 फीट तक माना जाता है। आभामण्डल का आवरण इस माप से नीचे जाने पर व्यक्ति मानसिक व भौतिक रूप से विकृत हो जाता है या टूटने लगता है। इस स्थिति में उसका आत्म बल भी कम हो जाता है। व्यक्ति की यह स्थिति जीवन में कष्ट या दुःख वाली कहलाती है। मृत व्यक्ति का औरा 0.5 या 0.6 रह जाता है।
आभा मण्डल सीधा अपने कर्मो से जु़डा रहता है। काम-क्रोध, मोह-माया, झूठ आदि जो मानव स्वभाव की प्रकृति के विपरीत हैं, उनमें संलग्न होने से आभा मण्डल क्षीण हो जाता है। एक साधारण स्वस्थ इंसान जिसका आभा मण्डल 2.8 से 3 मीटर तक माना जाता है, इससे भी नीचे जाने लगता है तब मानसिक एवं भौतिक तौर पर बीमार होकर मृत्यु की तरफ बढ़ता रहता है। तब मृत्यु पर ऑरा 0.9 मीटर जो मिट्टी या पंचभूत की अवस्था में पहुंच जाता है। आभा मण्डल के विकास के लिए हम धार्मिक स्थानों पर नियमित पूजा-पाठ, मन्त्रोच्चार, सत्संग आदि से सकारात्मक होते जाते हैं एवं जीवन में गुणात्मक परिवर्तन आने लगता है। वहीं गलत साहित्य, आधुनिक तथाकथित नाच-गाने, फास्टफूड, कल्चर से negative वातावरण, negative विचार,विपरीत आहार से सब सीधे आपका आभा मण्डल का ह्रास करते हैं इसलिए यह घटता-बढ़ता रहता है। अगर आप अपना आभा मण्डल विकसित करते हैं तो सही समय पर सही निर्णय लेकर सही सलाहकार ढूंढ लेंगे एवं सही राय से आप सही दिशा में कार्य करेंगे।
दिव्य आभामण्डल में नित्य अभिवृद्धि के लिए हमारे धार्मिक साहित्य वेद-पुराणों में पूजा-पाठ, इष्ट अराधना, अनुष्ठान, यज्ञ तथा त्राटक योग के अभ्यास द्वारा व्यक्ति अपने गिरते हुए औरा या आभामण्डल में वृद्धि कर सकता है। आभामण्डल में वृद्धि का कर्म नित्य रहना चाहिये। मेरे शोध के अनुसार प्रातः काल नित्य 15 मिनट तक ओमकार का ध्यान या नाद योग करने से औरा मजबूत होता है। धार्मिक तीर्थ स्थल, नियमित पूजा पाठ, इष्ट अराधना, मंत्रोचार, योग, प्राणायाम, कपालभाती, आसन, गायत्री मंत्र , ओउम मंत्र का जाप , सत्संग आदि से सकारात्मक ऊर्जा से आभा मण्डल का विकास किया जा सकता है।
आभा मंडल की उपस्थिति के वैज्ञानिक
प्रमाण -
रूस के वैज्ञानिक सेम्योन कार्लिअन ने सन 1939 में एक ऐसी फोटोग्राफी का अविष्कार किया जिसमे माध्यम से किसी की व्यक्ति के आभा मंडल { औरा } की फोटो ली जाती सकती है | और 6 महीने पहले से ही ये बताया जा सकता है, कि सम्बंधित व्यक्ति किस बीमारी से ग्रसित होने वाला है | ऐसे दुनिया में इलेक्ट्रोफोटोग्राफी ,,कोरोना डिस्चार्ज फोटोग्राफी, बायो-इलेक्ट्रोग्राफी , गैस डिस्चार्ज विसुअल , इलेक्ट्रोफोटोनिक इमेजिंग जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है | परन्तु सबसे लोकप्रिय इसका नाम कार्लिअन फोटोग्राफी है |
आस्ट्रेलिया के विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक सर जाँन मूर्री एवं डा. रिक्सेन का कहना है कि यद्यपि वे अभी वास्तविक औरा नहीं देख पाये हैं किन्तु उनके यन्त्रों में स्पार्क्स आते हैं जो प्राण शक्ति के प्रमाण में बदले हुए होते हैं। उन्होंने दुःखी, सुखी, शराबी आदि के ऊपर प्रयोग करके सिद्ध किया है कि पीड़ित, प्रफुल्लित, दवा पिये हुये, शराब पिये हुये, उद्विग्न व्यक्ति का औरा अवश्य प्रभावित होता है।
नर्मदेश्वर हीलिंग एनर्जी
{ औरा } पेन्डेन्ट कैसे
काम करता है -
मानव शरीर पांच तत्वों वायु , जल ,अग्नि , मिटटी ,और आकाश से मिलकर बना है | ये पांचो तत्व मिलकर हमारे शरीर में मौजूद वात,पित्त और कफ को संतुलित बनाये रखते है | इन तीनो के संतुलित रहने पर ही हम स्वस्थ रहते है | लेकिन जब इन तीनो में से किसी भी एक का संतुलन बिगड़ जाता है तब हम बीमार हो जाते है , मतलब असंतुलन बीमारी का संकेत है | एनर्जी हीलिंग थेरेपी पेन्डेन्ट शरीर में इनकी मात्रा को प्राकृतिक तरीके से संतुलित करता है | इसी प्रकार शरीर में उपस्थित सात चक्रो में से किसी भी चक्र के आभा मंडल { प्राण ऊर्जा } में असंतुलन से व्यक्ति उस चक्र से सम्बंधित व्याधियों से ग्रसित हो जाता है | नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट सम्बंधित चक्र में प्राण ऊर्जा का संतुलन स्थापित करके व्यक्ति की बीमारी को ठीक करता है और आगामी बीमारियो से भी बचाव करता है |
मानव शरीर ऊर्जा से ही संचालित होता है शरीर का गतिमान होना , रक्त संचरण , मानव मस्तिष्क द्वारा विभिन्न आंगो को निर्देश देना , आदि सब कुछ प्राणिक ऊर्जा से ही संभव है | इसी प्राणिक ऊर्जा का संचार एनर्जी हीलिंग थेरेपी पेन्डेन्ट द्वारा किया जाता है |
शरीर में पाये जाने वाले 24 खनिज पदार्थो के अलावा चिकित्सा में प्रयुक्त होने वाले अनेक खनिज पदार्थो का इस पेन्डेन्ट को बनाने में प्रयोग किया गया है | जो शरीर में किसी भी पदार्थ की कमी को स्वयं पूरा कर देते है और ये सब प्राकृतिक तरीके से होता है फलस्वरूप इन पदार्थो से शरीर की बीमारिया दूर होती है और शरीर पूर्णता स्वस्थ हो जाता है |
मानव शरीर में 70 प्रतिशत पानी होता है , इस प्रकार शरीर में पानी की उपयोगिता किसी से छुपी हुयी नहीं है | एनर्जी हीलिंग थेरेपी पेन्डेन्ट पीने के पानी को कीटाणु मुक्त करके उसमे प्राणिक ऊर्जा का समावेश करता है ,जिससे शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते है , और शरीर बीमारी मुक्त, स्वस्थ और मजबूत बनता है |
नर्मदेश्वर हीलिंग एनर्जी { औरा }पेन्डेन्ट के चमत्कारिक प्रभाव –
नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट मानव
शरीर से जहरीले पदार्थो को निकालकर , कोशिकाओ को
अधिक से अधिक ऑक्सीजन की पूर्ति करके , शरीर में वात, पित्त, कफ का संतुलन बनाकर
, शरीर में प्राणिक ऊर्जा { आभा मंडल / औरा } का निर्माण करके, शरीर में उपस्थित खनिज
पदार्थो की मात्र को संतुलित करके ,शरीर में नयी -नयी कोशिकाओ का निर्माण करके और सभी
तरह के विकिरण से रक्षा करके निम्न लिखित बीमारियो में अत्यधिक लाभदायक है -
* थकान {Tiredness} - मानव मस्तिष्क के अंदर अधिक मात्रा में सेरोटोनिन के उत्सर्जन से व्यक्ति थकान
महसूस करता है | सभी कोशिकाओ
में रक्त संचार बढ़ने से व्यक्ति तरोताजा महसूस करने लगता है |
* कब्ज {Constipation}
* ह्रदय रोग {Heart disease}
* हाई ब्लड प्रेशर {Hypertension}
* मधुमेह {Diabetes}
* तनाव {Stress}
* निम्न रक्त चाप {Hypotension}
* जोड़ो में दर्द {Sore Muscles / Joints}
* हड्डी का दर्द {Bone pain}
* मिर्गी {Epilepsy}
* गठिया {Gout}
* घाव {Surgical wounds}
* आर्थराइटिस {Arthritis}
* त्वचा रोग {Skin Diseases}
* माइग्रेन {Migraine} - मानव मस्तिष्क के अंदर अधिक मात्रा में
सेरोटोनिन के उत्सर्जन से व्यक्ति माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित हो जाता है | नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट मस्तिष्क के अंदर सेरोटोनिन की मात्रा को संतुलित करता
है |
* साइनस {Sine / sinus}
* एग्जिमा {Eczema}
* गुप्त रोग {Erectile dysfunction}
* मोटापा {Obesity}
* नपुंसकता {Impotence}
* स्मरण शक्ति का लोप {Insomnia}
* दमा {Asthma}
* सोचने की शक्ति का लोप {Poor
Power of Mind}
* रक्ताल्पता {Anemia}
* आँखों का धुंधलापन {Eyes Blur}
* ऑस्टियोपोरोसिस {Osteoporosis}
* शरीर में सूजन {Swelling}
अन्य लाभ -
* जोड़ो के दर्द व माँसपेशियों के दर्द को दूर करने में सहायक है |
* काम शक्ति को बढ़ाकर उर्जा का संचार करता है |
* एकाग्रता व ध्यान बढ़ाने में सहायता करता है |
* शारीरिक शक्ति व उत्साह को बढ़ाता है |
* थकान एवम् मानसिक परेशानियों को दूर करता है |
* सरवाइकल के दर्द को कंट्रोल करता है |
* पीठ दर्द व मासिक दर्द को दूर करने में सहायक है |
* हमारे शरीर में पानी की गुणवता को बढ़ाता है |
* पाचन शक्ति में वृद्धि करता है |
* रक्त-चाप (ब्लड-प्रेशर) को ठीक करता है. .
* अच्छी व तनाव मुक्त नींद लाने में सहायक् है |
* शुगर के मरीज़ो के लिए अत्यन्त लाभदायक है. .
* कैंसर उत्पन्न करने वाली खराब कोशिकाओं को शरीर से बाहर करता है |
* मानव की रक्त कोशिकाओं को आक्सीजन प्रदान करता है |
* शारीरिक एवम् मानसिक तनाव दूर करने में सहायता करता है |
* मोबाइल फोन, टी. वी. , कंप्यूटर, माइक्रोवेव, वॉशिंग मशीन, डी. वी. डी., वेक्यूम क्लीनर, इंटरनेट बिजली की तारें, मनुष्य के शरीर पर लगातार इलैक्ट्रो मेग्नेटिक तरंगों से हमला करती रहती हैं जिसका हमें पता भी नही चलता. आज के इस आधुनिक युग में हम इन तरंगों से बच नही सकते, परंतु हम इन तरंगों के कुप्रभाव से खुद को बचा सकते हैं. यह इन तरंगों के कुप्रभाव को निष्क्रिय कर देता है |
* फ़्रिज़ में रखने से खाने पीने की चीज़े ताज़ा बनी रहती है और इनमें शक्ति के कण बने रहते है |
* सोते समय अपने तकिये के नीचे रखने से नींद अच्छी व तनाव मुक्त आती है , सिगरेट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लेकिन सिगरेट पीने वालो के लिए यह बहुत लाभदायक है क्योकि सिगरेट को थोड़ी देर पेन्डेन्ट पर रखने से सिगरेट में निकोटिन स्तर कम हो जाता है |
* D. N. A. की क्षति रोकता है|
* कोशिकाओं को कैंसर से लड़ने में मदद करता है |
* BLOOD PRESSURE को सामान्य रखने में मदद करता है |
* नेत्र की ज्योति को बढ़ाता है |
* सुजन, जलन, घाव और खुजली को ठीक करता है |
* सिगरेट और नशीले पदार्थो की आदत को खत्म करता है |
* रक्त संचार को बढाता है |
* इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है |
* सभी प्रकार के BACTARIA और VIRUS को खत्म करता है |
* कोशिकाओं का पोषण और शराब आदि की लत में फायदा करता है |
* कोशिकाओं की पारगम्यता बढाता है |
* शरीर की ऊर्जा शक्ति को बढाता है |
* BLOOD PRESSURE को सामान्य रखने में मदद करता है |
* चाय और कॉफी के स्वाद में सुधार करता है |
* पानी को शुद्ध करता है |
* खाने-पीने की चीज़ो में खनिज पदार्थो व विटामिनस को बनाए रखता है | केमिकल वाले फलों और सब्जियों को पेन्डेन्ट द्वारा चार्ज किये गए पानी से धोने से उनका दुष्प्रभाव समाप्त हो जाता है |
* खाने के साथ पेन्डेन्ट दवारा किया गया एनेरजाईड पानी पीने से दाँतों की सभी प्रकार की बीमारियाँ तो दूर होती ही है साथ ही साथ बालों का भी विकास होता है |
* शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को संतुलित रखता है |
* शरीर की दुर्गन्ध का नाश करता है
* यह आप के साथ-साथ आपके आस-पास के वातावरण को भी प्रभावशाली बनाए रखता है |
उपयोग के तरीके :-
* इस अद्भुत चमत्कारी नर्मदेश्वर हीलिंग को आप गले में पहन सकते है | इसको पहनते ही आपको तुरंत लाभ होने लगता है | शरीर में तुरंत एक नयी ऊर्जा के संचार का आभास होने लगता है |
* चेहरे की त्वचा में नई चमक लाने के लिए इसे चेहरे पर घुमाये |
* कमरे के वातावरण को प्रभावशाली बनाने के लिए इसे कमरे के कोनों पर घुमाये |
* शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शरीर के 7 चक्र पर इसे 3 से 5 बार घड़ी के दिशा में घुमाये |
* शरीर में शक्ति के प्रवाह के लिए इसे पैर के अंगूठे व उंगलियों पर 3 बार घुमाये व दवायें |
* दर्द हो रहे भाग पर नर्मदेश्वर हीलिंग को दस मिनिट तक रखें |
* सुबह आधा लीटर पानी के नीचे इसे रखे या पानी में इसे डाल दे ,20 मिनिट बाद वह पानी एनर्जी से परिपूर्ण हो जायेगा, इसके बाद पानी के सामने हाथ जोड़कर उसे धन्यबाद कहे , और पूरा पानी पी जाये , इसके बाद एक घंटे तक कुछ भी न खाए और न ही चाय -कॉफी या दूध ले | ऐसा करने से शरीर के हर अंग को अद्भुत ऊर्जा मिलेगी और शरीर से सारे जहरीले पदार्थ और गैसे बाहर निकल जाएगी |
* गठिया , साइटिका, या सूजन होने पर उस अंग पर पेन्डेन्ट को घुमाये और सम्बंधित जगह पर इसे बांध दे,एक दिन में सब ठीक हो जायेगा |
* जलन , घाव या त्वचा सम्बन्धी रोगो में इस पेन्डेन्ट द्वारा चार्ज किये गए पानी द्वारा दिन में 3 -4 बार धोने से तत्काल लाभ मिलता है |
नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट के प्रयोग {Experiments }-
अनेक परीक्षणों के माध्यम से आप नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट की सत्यता का पता लगा सकते है जिनमे से कुछ निम्न लिखित है -
1.लचीलापन परीक्षण {Flexibility Demonstration }-शरीर के अंगो में लचीलापन
युवावस्था और कठोरता वृद्धावस्था का परिचायक है | शरीर में जितना ज्यादा लचीलापन रहेगा , शरीर उतना अधिक शक्तिशाली , स्फूर्ति , निरोगी और ऊर्जावान रहेगा | नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट को पहनते साथ ही तुरंत शरीर में 30 % लचीलापन आ जाता है | इस पेन्डेन्ट को पहनने के बाद यह बढ़ती जाती है | इस प्रकार व्यक्ति को युवा बनाये रखने में यह बहुत उपयोगी है |प्रदर्शित करते है | हमारे शरीर में जो ऊर्जा का क्षेत्र है वही सूक्ष्म शरीर है।इसे जीवनी शक्ति या प्राण शक्ति भी कहते हैं इसका कार्य सारे शरीर में एवं सूक्ष्म नाडियों में वायु प्रवाह को नियंत्रित करना तथा सूक्ष्म ऊर्जा प्रदान कर शरीर को क्रियाशील रखना है | इसकी कमी से शरीर अनेक बीमारियो का घर बन जाता है | और व्यक्ति को अवसाद और निराशा घेर लेती है | उसके जीवन से उमंग और उत्साह समाप्त होने लगती है | एनर्जी हीलिंग थेरेपी के पहनने के तुरंत बाद शरीर में नयी ऊर्जा का संचार होता है , जिससे अनेक बीमारियो ठीक होने लगती है | और जीवन में आशा और उत्साह का संचार होता है | सभी बिगड़े कार्य बनने लगते है | कार्लिअन फोटो ग्राफी द्वारा आप इसका पता लगा सकते है |
3. बर्फ पर परीक्षण { ICE CUBE Experiment } - इस परीक्षण के लिए आपको दो समान आकर के बर्फ के टुकड़े लेने पड़ेंगे , एक टुकड़े को एनर्जी हीलिंग थेरेपी पेन्डेन्ट के ऊपर रखे , और दूसरे को थोड़ा दूर रखे | 10 मिनिट पश्चात आप देखेगे की एनर्जी हीलिंग थेरेपी पेन्डेन्ट पर रखे गए बर्फ का टुकड़ा तेजी से पिघल गया है, इससे यह सिद्द होता है कि पेन्डेन्ट से गुप्त एनर्जी लगातार निकल रही है | जो शरीर को लगातार ऊर्जा प्रदान करती है, शरीर के सभी अंगो का सुचारू रूप से सञ्चालन करती है | साथ ही शरीर पर होने वाले वायरस और बैक्टीरिया के आक्रमण से रक्षा करती है |
4.स्थिरता परीक्षण {Stability Demonstration} -किसी भी व्यक्ति का शरीर तभी
तक स्वस्थ रह सकता है जब तक उसमे सभी पदार्थो का संतुलन बना रहे | साथ ही शरीर के सभी अवयवो में भी संतुलन बना रहे |नर्मदेश्वर हीलिंग तुरंत शरीर के सभी अंगो में सामंजस्य स्थापित करके शरीर को संतुलित बनता है | इसका परीक्षण आप चित्रानुसार कर सकते है, किसी व्यक्ति के दोनों हाथ बगल में पुरे फैलाकर एक पैर पर खड़ा करे फिर एक हाथ को दबाये वो एक तरह गिरने लगेगा , फिर नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट पहनाकर यही प्रक्रिया दोबारा करेंगे , तो उसका शरीर संतुलित रहेगा , और नहीं गिरेगा |
5. संतुलन परीक्षण {Balance Demonstration} - प्रकृति सहित सभी जीव जन्तुओ के शरीर में प्रत्येक पदार्थ एक निश्चित अनुपात में पाया जाता है , किसी पदार्थ की कमी या अधिकता शरीर या प्रकृति में भयंकर विप्लव उत्पन्न करती है | नर्मदेश्वर हीलिंग शरीर में वात, पित्त ,कफ , हार्मोन्स , विटामिन्स , अम्ल ,खनिज पदार्थो की मात्रा को तुरंत संतुलित करता है, फलस्वरूप शरीर में संतुलन स्थापित हो जाता है |

6.शक्ति परीक्षण {Strength Demostration} - दुर्वलता मौत की और शक्तिशाली होना जीवन की निशानी हैं | स्वामी विवेकानंद ने कहा था " हमें ऐसे युवक चाहिए जिनमे लोहे सी अस्थियां,इस्पात के समान स्नायु तंत्र और जिनमे वज्र सा मन निवास करता हो | " कमजोरी और बीमारी का आधार एक ही है | शारीरिक अंगो के ठीक से काम न करने से जीवन शक्ति उचित मात्रा में उत्पन्न नहीं हो पाती है | यही कमजोरी है | जब यह व्यवस्था अधिक उग्र रूप धारण कर लेती है , तो किसी विशेष अंग या समस्त शरीर में कोई उपद्रव खड़ा कर देती है , यही बीमारी है | अगर शरीर शक्तिशाली हो तो भयंकर से भयंकर रोग भी शरीर का कुछ नहीं बिगाड़ पाता है | नर्मदेश्वर हीलिंग शरीर को तुरंत शारीरिक, मानसिक और आंतरिक रूप से इतना सशक्त बना देता है| की सभी बीमारिया दूर से देखती है |
7.सिगरेट और शराब पर परीक्षण - {Cigarette & Coffee Demonstration} - सिगरेट और शराब वैसे तो मनुष्य के जीवन को बर्बाद कर देते है , फिर भी जो लोग इनके आदि है , वो निम्न परीक्षण कर सकते है - सिगरेट और शराब के वर्तन को नर्मदेश्वर हीलिंग से को 20 मिनिट तक सटाकर रखे , इसके पश्चात दोनों के स्वाद में परिवर्तन आ जाता है, और इनके हानिकारक तत्व कुछ सीमा तक समाप्त हो जाते है , और कुछ समय तक ऐसा करने से इनकी आदत हमेशा के लिए छूट जाती है |
8.नीबू पर परीक्षण {Lemon Test} -नीबू के बीच से काटकर दो भाग कर ले, एक भाग पेन्डेन्ट से 20 फुट दूर रख दे , दूसरे भाग पर नर्मदेश्वर हीलिंग को रखे | 20 मिनिट पश्चात आप दोनों नीबू के टुकड़ो के स्वाद की जाँच करे | आप देखेगे की जिस नीबू के टुकड़े को पेन्डेन्ट पर रखा था ,उसके स्वाद में अंतर आ गया है, इसका मतलब यह है की उसकी रासायनिक संरचना में अंतर आ गया है , इसी प्रकार नर्मदेश्वर हीलिंग मानव शरीर की रासायनिक संरचना में परिवर्तन ला देता है |

9. पानी पर परीक्षण {Water Test} -नर्मदेश्वर हीलिंग को रखे पानी में डाले या पानी के बर्तन से सटाकर 20 मिनिट तक रखे ,पश्चात आप देखेगे की पानी की क्रिस्टलीय संरचना ,
स्वाद , पानी की चमक , और पानी के PH मान में परिवर्तन हो गया है | अगर पानी की प्रवृति अम्लीय है तो वह छारीय हो जाती है | अम्लीन पदार्थ शरीर के लिए हानिकारक और छारीय पदार्थ लाभदायक होते है | इतना ही नहीं पानी से सभी प्रकार के बैक्टीरिया समाप्त हो जाते है |
10. मोबाइल रेडिएशन टेस्ट {Mobile Radiation Test }- वर्तमान में मोबाइल फ़ोन के अत्यधिक प्रयोग के चलते स्मृति लोप , एलर्जी , ब्लड प्रेशर , तथा कैंसर जैसी अनेक बीमारियो का खतरा बढ़ गया है | नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट आपको सभी खतरों से बचाता
है, आप इसका परिक्षण निम्न लिखित तरीके से कर सकते है - किसी एक व्यक्ति के हाथ में पहले मोबाइल देकर उसके हाथ को फैलाये , फिर उसे नीचे की ओर दबाये , आप देखेगे की उसका हाथ आसानी से नीचे की ओर चला जायेगा , फिर आप उसको नर्मदेश्वर हीलिंग पेन्डेन्ट पहनाये , इसके बाद दोबारा यही प्रक्रिया दोहराये आप देखेगे कि इस बार हाथ आसानी से नीचे की ओर नहीं जायेगा , क्योकि पेन्डेन्ट के पहनते ही शरीर अत्यधिक मजबूत हो जाता है और शरीर पर किसी भी प्रकार के विकिरण का प्रभाव निष्प्रभावी हो जाता है |
Increases
|
Decreases
|
Normalizes
|
·
Immunity
·
Rejuvation
·
Posture improves
·
Endurance
·
Energy level
·
Muscular strength increase
·
Cardiovascular
efficiency
·
Musculoskeletal
flexibility
·
Galvanic skin
response
·
Stable autonomic nervous system
·
EEG - alpha waves
·
Respiratory
efficiency
·
Breath-holding
time
·
Grip strength
·
Steadiness
·
Excretory
function
·
Reaction time
·
Sensory and motor
organs coordination
·
Sleep
·
strength and
stamina
|
·
Panic Attacks
·
Dizziness
·
Respiratory rate
·
Pulse rate
·
Blood pressure
·
EMG activity decreases
·
Headache
·
Stomachahe
|
·
Tridoshas
·
Gastrointestinal function
normalizes
·
Endocrine
function
·
Autonomic nervous
function
·
Body weight
·
Blood pressure normalize
|
Psychological Health Benefits of : Energy Healing Therapy Pendent
Increases
|
Decreases
|
Normalizes
|
·
Somatic and
kinesthetic awareness
·
Positive attitude
·
Mood and feeling
of subjective well-being
·
Self-acceptance
·
Social adjustment
and social skills
·
Concentration
·
Memory
·
Self attention
·
Learning
efficiency
·
Self-actualization
·
Depth perception
·
Mind/Body neuro
connection improves
·
Balance improves
·
Steadiness
improves
·
Will Power
|
·
Stress
·
Frustration
·
Anxiety
·
Depression
·
Hostility
·
Attention deficit
hyperactivity disorder
·
Hysteria
·
Insomnia
·
Fatigue
·
premenstrual
tension
·
Examination Fever
·
Mental exertion
·
Difficulty in
retention
·
Frequent Mistakes
·
Anger
|
·
Trigunas
·
Emotions
·
Harmonal balance
|
Bio-Chemical Health Benefits of : Energy Healing Therapy Pendent
Increases
|
Decreases
|
Normalizes
|
·
HDL cholesterol
·
Cholinesterase
·
ATP
·
Hemoglobin
·
Lymphocyte count
·
Thyroxin
·
Vitamin C
·
Total serum
protein
|
·
LDL cholesterol
·
Human growth
hormone (HGH)
·
VLDL cholesterol
·
Melatonin
·
Glucose
·
Sodium
·
Total cholesterol
·
Triglycerides
·
Catecholamine
·
Total W.B.C count
|
·
Metabolism
·
Vitamins
·
Protein
·
Minerals
|
Health Benefits of Energy Healing Therapy Pendent:-
Physical,mental,Intellectual &
Spiritual development.
Spinal cord flexible.
Cure diseases.
|
Relaxed muscle tone.
|
Slow and static movements.
|
Low risk of injury.
|
Parasympathetic system dominates.
|
Sub-cortical regions of the brain
dominate.
|
Low caloric consumption.
|
Effort is minimized with maximum
relaxation.
|
Breathing is natural and
synchronized.
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Purely process-oriented.
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Awareness is internal.
Toxin decreases.
No restriction of age & sex.
Positive attitude.
|
ईमेल- energyhealingtherapy9@gmail.com








How to contact.
जवाब देंहटाएंContact kaise Kare.
जवाब देंहटाएंHow do contact
जवाब देंहटाएंContact no. Whatsapp +91 89 89 118 118
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